धम्मकाया विपश्यना मेडिटेशन सेन्टर कुशीनगर.
धूरिया भाट, नियर बनवरी टोला, कसया, कुशीनगर
मेडिटेशन क्या
विपस्यना मेडिटेशन, मन को वश मे करने का एक बहुत ही प्राचीन भारतीय विद्या है। जिसके तीन चरण होते है।
- शील
- समाधी
- प्र्ज्ञा (प्रत्यक्ष ज्ञान)
हम यहा पर केवल ५ प्रकार के शील क्या होते है, वे बताने जा रहे है। इन शीलो को पाञ्च्शील भी कहा जाता है।
- हिन्सा नहि करना चाहिये।
- चोरी नहि करना चाहिये।
- ब्यभिचार नहि करना चाहिये।
- झूठ नही बोलना चाहिये।
- नशा नही करना चाहिये।
यदि कोई भी ब्यक्ति पञ्च्शील का पालन करते हुये आनापान की साधना का अभ्यास करे तो ३-४ दिन मे उसका मन इतना पर्यप्त शान्त हो जायेगा कि वह समाधी का अनुभव करने लगेगा।
जब मन पूरी तरह से समाधी का अनुभव करने लगे तो फ़िर किसी योग्य गुरू की सहयता से विपस्यना की साधना का अभ्यास करना चाहिये।
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